कोरोना वायरस से जुड़े 10 FakeNews

कोरोना वायरस से जुड़े 10 FakeNews:

1. एक विडियो जिसे किरण बेदी ने ट्विटर पर शेयर किया था कि लोग अन्डे फेंक रहे थे क्योंकि उसमें से कोरोना वायरस से संक्रमित चूजे निकल रहे थे

Fact: जो अन्डे हम बाज़ार से ख़रीदते हैं वो 2N एग्स होते हैं अर्थात जिनमें से चूजा कभी निकल ही नहीं सकता

2. एक व्हाट्सऐप फॉरवर्ड जिसमें WHO ने लॉकडाउन के लिए प्रोटोकॉल जारी किया था

Fact: WHO ने ख़ुद इस ख़बर को बकवास और आधारहीन बताया

3. एक विडियो जिसमें दिखाया जा रहा है कि निजामुद्दीन में मुस्लिम झुण्ड में छींक रहे हैं ताकि कोरोना फैले

Fact: वो सूफ़ी प्रथा ‘ज़िक्र’ की प्रैक्टिस कर रहे थे जिसमें अल्लाह का नाम लगातार कई बार लूप में बोला जाता है

4. एक विडियो जिसमें मुस्लिमों को प्लेट और चम्मच चाटते हुए दिखाया गया है और उनकी मंशा कोरोना वायरस फैलाने की बताई गयी

Fact: ये एक पुरानी विडियो है जिसमें बोहरा समुदाय के मुस्लिम अपनी उस मान्यता का अनुकरण कर रहे थे जिसमें भोजन का एक दाना भी बर्बाद करना मना होता है

5. एक विडियो जिसमें सैकड़ों इटालियन कोरोना महामारी के दौर में एक साथ प्रार्थना करते दिख रहे हैं

Fact: असल में ये विडियो पेरू का है और कोरोना महामारी शुरू होने के काफ़ी पहले का है

6. एक विडियो जिसमें एक नंगा आदमी अपने सिर और हाथों से खिड़कियों के शीशे तोड़ रहा है और हॉस्पिटल स्टाफ से बद्तमीज़ी भी कर रहा है! इसे जिसे तब्लीगी जमात का बताया गया

Fact: एक पाकिस्तान के एक मेंटल हॉस्पिटल का विडियो है जिसमें दिमाग़ी तौर पर परेशान एक व्यक्ति ऐसा कर रहा है

7. राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी का एक विडियो जिसमें उन्हें पुलिस सिक्यूरिटी चेक कर रोका जा रहा है क्योंकि वो कोरोना लॉकडाउन को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं

Fact: ये विडियो दिसंबर 2019 का है जिसमें ये दोनों CAA के ख़िलाफ़ प्रोटेस्ट में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने जा रहे थे

8. एक विडियो जिसमें एक समुद्र तट पर कुछ लाशें पड़ी हैं और कहा जा रहा है कि कुछ देश अपने कोरोना रोगियों की लाशों को समुद्र के किनारे फेंक रहे हैं. और आगे सलाह दी जा रही है कि लोग seafood न खायें

Fact: ये विडियो 2014 का है जब कुछ अफ़्रीकी प्रवासी मारे गए थे जब वो यूरोप में समुद्री रस्ते से जा रहे थे

9. एक व्हाट्सऐप मेसेज जिसमें दावा किया गया कि नीम्बू और खाने वाले सोडा के मिक्सचर से कोरोना वायरस तुरंत मर जाता है

Fact: अभी तक ऐसा कोई भी वैज्ञानिक शोध नहीं आया है जो ये दावा करता हो

10. एक विडियो जिसमें कहा जा रहा है कि 5G टेक्नोलॉजी लोगों को बीमार बना रही है, उनका इम्यून सिस्टम बर्बाद कर रही है इसलिए चीन के लोग कोरोना के महामारी में 5G टावर तोड़ रहे हैं

Fact: ये एक पुरानी विडियो है हांगकांग की जिसे कोरोना से जोड़ना फ़ालतू की कांस्पीरेसी थ्योरी को गढ़ना है!

सोर्स: Dataleads

अफ़वाहों से बचें! ये आपको सांप्रदायिक ज़ोम्बी बना रही हैं! न्यूज़ चैनलों पर भी आँख मूदकर भरोसा न कर लें, फेक न्यूज़ फ़ैलाने में वो सबसे आगे चल रहे हैं!

कोविड के त्रासदी लोकल से ग्लोबल में बदलने की क्रोनोलॉजी

कोविड के त्रासदी लोकल से ग्लोबल में बदलने की क्रोनोलॉजी:-

नवंबर 2019 में चीन के वुहान प्रान्त में फ्लू वाले मरीज अचानक से बढ़ जाते है । इन मरीज़ो की मृत्यु दर आश्चर्यजनक रूप से ज्यादा थी और ये अलग तरह का तेजी से फैलने वाला फ्लू था।

इस तथ्य को बताने वाले डॉक्टर के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है ।

कुछ दिनों बाद उस डॉक्टर की इसी बीमारी की वजह से मृत्यु हो जाती है।

तब WHO ने चीन से आग्रह किया कि उसे इन मरीज़ो तक पहुंचने दिया जाए ।

चीनी सरकार मोलतोल के बाद इसकी इजाजत दे भी देती है , बदले में चीन के पिट्ठू WHO के मुखिया इस घटना को अंडरप्ले करते है।

31 दिसंबर 2019 को चीन से सटा देश ताइवान WHO को चेता रहा होता है कि ये एक नए तरह का वायरस है जो मनुष्यों से मनुष्यों के बीच तेजी से फैल रहा है ।

इसके 15 दिन बाद भी WHO इससे इनकार करता है ।

इस बीच अमेरिकी खुफिया विभाग अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग में ट्रम्प प्रशाशन के कुछ गिने चुने लोगो को कोविड के खतरे के बारे में चेताता है।

इस सूचना के आधार पर तैयारी करने के बजाय ये जिम्मेदार लोग शेयर मॉर्केट में अपने करोड़ो डॉलर के शेयर तुरंत बेच देते है ।

चूंकि अमेरिका में इस साल नवम्बर में राष्ट्रपति के चुनाव होने वाले है इसलिए ट्रम्प प्रसाशन ऐसा कोई काम नही करना चाहता था जिससे आर्थिक गतिविधियों में कोई सुस्ती आए ।

लिहाज़ा वो WHO की दी गई जानकारी के अनुसार आगे बढ़ता है । मतलब कोई भी प्रोएक्टिव तैयारी नही ।

आप ट्रम्प के भाषणों में इसे देख सकते है ।

यही काम ट्रम्प के लगूवा-भगूवा दुनिया के अन्य नेता भी करते है जिनमे ब्रिटेन, ईटली, स्पेन, जापान , ब्राज़ील, पूरा अरब वर्ल्ड, पाकिस्तान और भारत जैसे देश प्रमुख है ।

कुछ देश ऐसे भी है जिन्होंने WHO पर विश्वास करने के बजाय खतरे को भांपते हुवे अपनी तैयारी बेहतर तरीके से की । इनमे ताइवान, दक्षिण कोरिया और जर्मनी प्रमुख रूप से है।

भारत का एक राज्य केरल तो और भी आगे निकला ।

उसने न WHO पर भरोसा किया और न अपनी केंद्रीय सरकार के भरोसे बैठा रहा ।

आज तस्वीर बहुत हद तक क्लियर हो चुकी है कि जिन्होंने इस बीमारी को पहले ही भांप लिया था वो सबसे कम बुरी स्थिति में है।

WHO को अमेरिका सालाना 432 मिलियन डॉलर का चंदा देता है और चीन सिर्फ 42 मिलियन डॉलर ।

ऐसे में ट्रम्प का खिसियाना स्वाभाविक है ।

इसी खिसियाहट में कभी वो क्लोरोक्विन का शिगूफ़ा छोड़ते है तो कभी WHO की फंडिंग रोकने का ।

खैर , इस पूरे क्रोनोलॉजी के अनुसार इस त्रासदी को फैलाने की जिम्मेदारी उस संस्था की है जिसका काम ही है ऐसी लापरवाहियों को रोकना।

मलेरिया की दवा कोरोना में कारगर कितना?

Covid 19 यानी कोरोना पर मलेरिया की दवा प्रभावी ढंग से काम कर रही है।

रोनाल्ड रास ने प्लास्मोडियम पैरासाइट की खोज की थी जो मच्छरों से फैल रहा था इसके लिए इन्हें 1902 में नोबेल प्राइज मिला था।

अब बात क्लोरोक्वीन HCQ

यह दवा मलेरिया की है पर कोरोना में काम कर रही है क्लोरोक्वीन की खोज 1934 में हुई थी तब से इस दवा का उपयोग हो रहा है।
सरकार ने 10 करोड़ हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन टेबलेट का आर्डर दिया है।
पैरासाइट प्लास्मोडियम जो एक प्रोटोजोअन है जो मच्छरों के जरिये मनुष्यों में फैलता है।

भारत व भारत के पड़ोसी देश का टेम्परेचर मच्छरों के लिए एक उपयुक्त होता है जिससे वर्ष के हर महीने भारत के पास इसका स्टॉक रहता है भारत 20 करोड़ हर महीने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन का उत्पादन करता है जिसका निर्यात भी करता है इस समय अमेरिका सहित विश्व के 30 देश भारत से इस दवाई के निर्यात करने की मांग कर रहे है इसे बनाने के लिए सबसे पहले कच्चे मेटेरियल की आवश्यकता होती है। यह कच्चा मटेरियल ज्यादा मात्रा में चाइना से भारत के फार्मा कंपनी मंगाती हैं।

हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन (मलेरिया की दवा) कोरोना में कैसे काम करती है?

कोरोना वायरस को शरीर के सेल कोशिका में प्रवेश करने के लिए रिसेप्टर ACE2 (फेफड़े और अन्य अंगों में मौजूद) की आवश्यकता होती है। क्लोरोक्वीन लाइसोसोम (वृद्धि) के पीएच को बदल देता है। जिससे ACE2 रिसेप्टर कोशिकाओं में ठीक से नहीं बनता है। इस प्रकार वायरल प्रवेश बाधित हो जाता है।
(ACE 2 एक एंजाइम है फेफड़े आतं के बाहरी आवरण से अटैक होता है)

To need enter in to cell by Covid2019 needs receptor ACE2 (present in Lungs and other other organs). Chloroquine changes the pH of lysosomes (increase). Hence this receptor is not properly formed in the cells. Thus viral entry inhibited.

About corona!!

Visit www. coronainfo.org.in

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Latest ICMR Guidlines Asymptomatic household contacts of laboratory confirmed cases Dose: • Asymptomatic healthcare workers involved in the care of suspected confirmed cases of COVID-19:
-400 mg twice a day on Day 1, followed by 400 mg once weekly for next 7 weeks; to be taken with meals •

Asymptomatic household contacts of laboratory confirmed cases: 400 mg twice a day on Day 1, followed by 400 mg once weekly for next 3 weeks; to be taken with meals
> Exclusion/contraindications: • The drug is not recommended for prophylaxis in children under 15 years of age. • The drug is contraindicated in persons with known case of retinopathy, known hypersensitivity
राष्ट्रीय समाजसेवी परिषद

थाली के बजाने के वेव से भागे कोरोना, नासा हैरान!!

Ajit Sahni

चीन के राष्ट्रपति शी पिंग ने अपने डॉक्टर्स को उस वक़्त बहुत फटकार लगाई, जब उन्हें NASA द्वारा भारत में सायं 5 बजे की कॉस्मिक साउंड की रिपोर्ट्स मिली, और सेटेलाइट इमेज भी मिली, जिसमे कोरोना बाकायदा अपनी खोपड़ी पीटता हुआ दिखाई दे रहा है.

शी पिंग ने अपने डॉक्टर्स को डांटते हुए कहा कि हरामखोरों, उस चायवाले से ही सीख लो कुछ, यहां हज़ारों इंसानों की मौत के बाद, इतने बड़े अस्पताल बनाने पड़े! करोड़ों डॉलर का खर्च करवा दिया, और भारत में सिर्फ आधे घंटे में थाली, शंख की कॉस्मिक वेव से वायरस की माँ-भैंस एक कर दी !

शीपिंग ने कहा कि हम भारत को जो भी चाहे अनवरत सप्लाई करेंगे, बस हमें मोदी जी आईडिया देते रहें !

इसी के साथ इमरजेंसी के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, हॉलैंड, जर्मनी और बीस देशों ने, भारत से पचास करोड़ स्टील की थाली, घंटी, शंख का ऑर्डर कर दिया है, और फ्रांस ने कहा कि सौ दो सौ राफेल तो आप मुफ्त में ले लो, लेकिन हर हफ्ते मोदी जी सलाह मशविरा देते रहें , ताकि हम किसी भी मुसीबत से सामना कर सकें!

और सबसे महत्वपूर्ण और ख़ुशी की बात ये है कि सारे वायरस पाकिस्तान और बांग्लादेश चले गए, हम सेफ हैं !

स्वामी अजीतानंद

एकजुटता से ही हम कोविड-19 को पराजित कर सकते हैं : देशों के बीच एकजुटता , व्यक्तियों के बीच एकजुटता !

आज मेरे पास आप युवाओं के लिए सन्देश है : आप ( वर्तमान कोविड-19 महामारी में ) अविजित नहीं हैं। यह विषाणु आपको हफ़्तों अस्पतालों में रख सकता है , मार भी सकता है। अगर आप बीमार नहीं भी पड़ते , तब भी आपका चुनाव किसी अन्य व्यक्ति के लिए ज़िंदगी-मौत का अन्तर साबित हो सकता है। मैं उन ढेरों युवाओं का शुक्रमन्द हूँ जो समाज में सकारात्मकता फैला रहे हैं , विषाणु नहीं। एकजुटता से ही हम कोविड-19 को पराजित कर सकते हैं : देशों के बीच एकजुटता , व्यक्तियों के बीच एकजुटता !

एकजुटता की हमारी पुकार पर ध्यान देने के लिए आप-सभी का शुक्रिया !

मैं जानता हूँ कि अनेक लोगों के लिए यह जीवन में नाटकीय परिवर्तन ला रही घड़ी है। मेरा परिवार भिन्न नहीं है : मेरी बेटी का स्कूल भी बन्द है और वह घर से ही अपनी ऑनलाइन क्लासें ले रही है। इस कठिन समय में अपने शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना ज़रूरी है। यह आपको केवल दीर्घकालीन मदद ही नहीं देगा , कोविड-19 से संक्रमित होने पर उससे लड़ने में भी आपकी मदद करेगा।

पहली बात , स्वस्थ और पौष्टिक भोजन करें। इससे आपका प्रतिरक्षा-तन्त्र सशक्त रहेगा।

दूसरी बात , मदिरापन कम-से-कम करें और शर्करा-युक्त पेयों के सेवन से दूरी बनाएँ।

तीसरी बात , धूमपान न करें। धूमपान के कारण कोविड-19 संक्रमण और गम्भीर रूप ले सकता है।

चौथी बात , कसरत नियमित करते रहें। वयस्क आधे घण्टे और बच्चे एक घण्टे के लिए। घर से काम कर रहे हैं , तब भी एक ही मुद्रा में लगातार काम न करें। हर आधे घंटे में तीन मिनट का ब्रेक लेते रहें।

पाँचवीं बात , अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ख़्याल रखें। ऐसे समय में तनाव , भय और भ्रम स्वाभाविक हैं। अपने करीबियों से बातें करते रहें ; विश्वास ऐसे समय में मददगार है। आसपास के लोगों की मदद करें , जितनी भी सम्भव हो। पड़ोसियों , परिवार , मित्रों सभी की। याद रखिए : सहानुभूति एक औषधि है।

संगीत सुनें , किताबें पढ़ें , खेल खेलें। ज़्यादा समाचार न देखें और न सुनें : इससे आपकी अकुलाहट बढ़ सकती है। विश्वसनीय सूत्रों से केवल एक या दो बार , बस …”

( विश्व स्वास्थ्य-संगठन के डायरेक्टर-जनरल टेड्रॉस एधेनॉम गैब्रियेसस के हाल ही की एक पत्रकार-वार्ता का महत्त्वपूर्ण अंश। )

सभी जनप्रतिनिधियों से आग्रह है लोगों की मदद करें- डॉ उदयभान सिंह (RVCP)

हम माननीय सांसद व विधायक गण स्थानीय संस्थाओं के प्रतिनिधि नगर पंचायतों के प्रतिनिधि और ग्राम पंचायतों जिला पंचायतों के प्रतिनिधियों से मेरा अनुरोध है कि आप चुप क्यों बैठे हैं?

आप करोना को लेकर जागरूकता क्यों नहीं फैला रहे हैं. क्या आपका यह दायित्व नहीं है की आप लोगो के लिए कार्य करें चुनाव के समय शराब की बोतलें बितरित करवाना और अन्य लाली पाप देना।लोगों को प्रलोभन देने का कार्य आप करते हैं हो लेकिन आज संकट की घड़ी में आप मास्क और सैनिटाइजर का निशुल्क वितरण नहीं करवा सकते हो ।

अगर आप ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं तो कम से कम कालाबाजारी रोकने के लिए उपयुक्त कदम उठाइये । आपकी निष्क्रियता आपके संवेदनहीनता को दर्शित करती है। आज संकट की घड़ी में आप से जनता उम्मीद कर रही है कि आप आगे आएंगे परंतु ऐसा नहीं हो रहा है. यह दुखद पहलू है।इस पर माननीय गण चिंतन और विचार करें क्योंकि इस समाज में बुजुर्ग भी हैं बच्चे भी हैं ,गरीब भी हैं ,असहाय भी है जो आपके तरफ, देख रहे हैं ।

यह सब कुछ काम केवल माननीय प्रधानमंत्री जी का नहीं है ।प्रत्येक सांसद और विधायक ,जनप्रतिनिधि और प्रत्येक सक्षम लोगों का दायित्व है कि आप असहाय लोगो को निशुल्क मास्क और सेनेटिज़ेर उपलब्ध कराये और लोगों की मदद के लिए आगे आए।

कोरोना पर राहत की खबर!!

राहत की एक ख़बर !

लगातार आ रही बुरी और डरावनी ख़बरों के बीच आज एक राहत देने वाली ख़बर भी पढ़ने को मिली। जयपुर के एस.एम.एस अस्पताल और दुनिया के कुछ दूसरे डॉक्टरों द्वारा पहले से मौजूद सात दवाओं से कोरोना के सफल इलाज़ के बाद अब भारतीय चिकित्सा परिषद के डॉक्टरों ने उनमें से दो दवाओं के प्रयोग की सलाह दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इनपर तेजी से काम कर रहा है। ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एन्टीमाइक्रोबियल एजेंट’ में प्रकाशित शोध रिपोर्ट के अनुसार मलेरिया की प्रसिद्ध दवा क्लोरोक्विन के साथ एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन कोरोना के इलाज में सबसे ज्यादा कारगर साबित हो रहा है। इनसे 25 प्रतिशत मरीज़ एक दिन में ठीक हो जा रहे हैं। एच.आई.वी एड्स के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा से भी मरीज़ जल्दी ठीक हो रहे हैं। कुछ अन्य दवाएं भी प्रयोग में लाई जा रही हैं, लेकिन उनसे उपचार में 22 दिनों का समय लग रहा है।

कोरोना के निरोधात्मक टीके की खोज में शायद अभी वक़्त लगे, लेकिन दुनिया भर से आ रही खबरों से यह लगने लगा है कि कोरोना का इलाज़ अब संभव होने वाला है। तबतक सावधान रहें, सजग रहें, भीड़ से बचें और संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने का हर संभव प्रयास करें !

Prevention is always better than cure !

Dhruv Gupt Sir

#यशवीर

कोरोना के इफ़ेक्ट में एक हम हैं और एक कनाडा है, फ़र्क देखिए!!

कल्याणकारी राज्य

कारोना की आहट जैसे ही कनाडा सरकार को मिली केवल डेढ़ घंटे के अंदर सभी स्कूल बन्द हो गए और बच्चे घरों में भेज दिए गए।

सभी को तीन हफ्ते की छुट्टी और 700 डॉलर्स प्रति सप्ताह सरकार ने ट्रांसफर कर दिया।

अधिकांश सेवाएं घरों से ही उपलब्ध करने के आदेश जारी कर दिए गए, जिन सेवाओं में उपस्थिति आवश्यक है ( बैंक, मीडिया, पुलिस आदि)

उनके कर्मचारियों को लाने ले जाने के लिए सरकारी सेनेटाइज की हुए कैब आती हैं, खाना संस्थान की ओर से उपलब्ध कराया जाता हैं और प्रत्येक टेबल कम से कम पांच बार संक्रमण रहित की जाती हैं।

काम पर आने वाले कर्मचारियों को विशेष सम्मान दिया जा रहा है,

हम थाली पीट रहे है, कुछ पीतल की, कुछ स्टील की ओर बाकी चमड़े की!

प्रमोद पाहवा सर के वाल से साभार

हम तैयार हैं!! हवा हवाई या जिम्मेदारी से!!!

मोदी जी ने भावुक भाषण के नीचे जिम्मेदाराना और बुनियादी सवालों को छोड़ दिया।

जैसे कि:

1.) भारत में सेनिटाइजर्स की आपूर्ति के लिए सरकार ने क्या कदम उठाये ?
2.) देश मे कितने फ्री टेस्टिंग सेंटर्स बनाये?
3.) कोरोना की थर्मल विधि से टेस्टिंग की मशीन करीब 15 हज़ार की हैँ, इसे हर नगर पंचायत, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाड़ी केंद्र, प्राइमरी स्कूल में पोलियो की तरह स्थापित किया जा सकता हैँ पर क्यों नहीं किया?
4.) देशबन्दी के बाद उपजने वाली कालाबाज़ारी और खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए सरकार ने लिए क्या कदम उठाये ?
5.) यदि कोई डाक्टर, नर्स इत्यादि स्वास्थ्य कर्मी कोरोना इलाज करते हुए चपेट में आके मर जाता हैँ तो उसके लिए कोई आर्थिक मदद की क्या व्यवस्था हैँ (ध्यान रहे ये सबसे जरूरी था, ताकी उनका मनोबल ना टूटे)
6.) 25 फरवरी तक सरकार कह रही थी की कोरोना से निपटने के लिए पूरा इंतेज़ाम हैँ और 1 लाख लोग काम पे लगे हैँ तो उन्होंने क्या किया?
7.) विकसित देशों में 60 लोगों पे एक स्वास्थ्य कर्मी हैँ, विकास शील देशों में 250-300 पे एक और भारत में 5000 पे एक, हम कोरोना से लड़ने की दशा में कहाँ खड़े हैँ?

इन सवालों पर मोदी जी बोल देते तो इस मुश्किल वक्त में देश को थोड़ा ढांढस बंधता। खैर छोड़ो ये जिम्मेदार नेताओं के काम हैँ। आप बस 22 मार्च शाम 5 बजे थाली-प्लेट लेके जिंगाला ला हु करने को तैयार रहो।